Thursday 20 October 2016

Image Creation


किसी को देखने, मिलने से पहले ही अपने मन में एक छवि निर्धारित करना मनुष्य की पहचान है।
परंतु ये सोचना कि हमारे द्वारा निर्धारित  छवि सही है, तथा वह कभी गलत नही हो सकती, या हम कह सकते है कि हम उसे बदलने की कोशिश नही करना चाहते।

क्या हम हमेशा सही है ? जब भी स्वयं की सोच बदलने की बात आती है तभी क्यों अहंकार करते है।  हमारी सोच बदलना क्यों ऐसा लगता है की हम किसी दूसरे के सामने झुक जायेंगे, हमारी गर्दन ऊँची रहनी चाहिए।

दुसरो का व्यक्तित्व  हमारी सोच के अनुसार निर्धारित होना सही हैं, या उनके कार्यो से ?


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