सुबह के सपने अक्सर दिन में टूट जाते है।
पल भर में ही, सही भी गलत हो जाते है।
कुछ मिंटो की दुरी तय करना भी मुश्किल हो जाता है
जब दूर दूर तक उम्मीद का एक तिनका भी नजर नहीं आता है।
पल भर में ही, सही भी गलत हो जाते है।
कुछ मिंटो की दुरी तय करना भी मुश्किल हो जाता है
जब दूर दूर तक उम्मीद का एक तिनका भी नजर नहीं आता है।
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