होती है जब सच से मुलाकात
इंसान खुद को समझदार मान लेता है
लेकिन झूठ का दामन तो तब ही छूटता है
जब इंसान खुद को भूलकर दुसरो को अहमियत देने लगता है।
इंसान खुद को समझदार मान लेता है
लेकिन झूठ का दामन तो तब ही छूटता है
जब इंसान खुद को भूलकर दुसरो को अहमियत देने लगता है।
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