लफ्ज़ों से कुछ कहना है मुझको,
जीवन का एक रूप दिखलाना है तुम सबको।
जीवन में भर आई थी क़शिशे ,
सपने भी सज गए थे आँखों में।
रोशनी भरने की थी चाहते,
जीवन के गहराइयों से।
यह जीवन सिर्फ आज है,
उजालों से भरा है।
जाने कल कब यह जीवन,
अंधेरो से बिखरा है।
जाने कल कब यह जीवन,
अंधेरो से बिखरा है।
कौन जाने कब शरीर,
जल कर भस्म हो जाना है।
जीवन में कुछ कर दिखलाना है,
यही सन्देश मुझे पहुँचाना हैं।
जीवन में कुछ कर दिखलाना है,
यही सन्देश मुझे अब पहुँचाना हैं।
आज समय तुम्हारे पास है,
क्या कल उसे मिट्टी में मिलाना है?
रानी लक्ष्मीबाई जैसा बन,
देश के लिए लड़ना हैं।
इंसान होते हुए भी,
क्या फर्ज तुम्हें नही निभाना है।
देना यही सीख में,
बतलाना तुमको चाहती हूँ
जन्म लिया है तुमने मानव का ,
यह पहचान करवाना चाहती हूँ ।
समय है समान अधिकारों का ,
यह भी समझाना चाहती हूँ ।
आज इस युग में तुम्हे,
जीवन में जगानी है आशाएँ।
देश की उन्नति के लिए,
मिटा देनी होंगी निराशाएं।
जीवन से है भेदभाव मिटाना।
घृणा, हिंसा सब त्यागना।
देश के लिए हमें, न्यौछावर जीवन को करना।
जीवन में कुछ कर दिखलाना,
यही सन्देश मुझे अब पहुँचाना।
जीवन में कुछ कर दिखलाना,
यही सन्देश मुझे अब पहुँचाना।
आज चंद्रशेखर आज़ाद जैसे,
देश का रक्षक क्रांतिवीर बनना है।
आवश्यकता पड़ जाये तो हमें,
मृत्यु को भी गले लगाना हैं।
जीवन से है डर निकालना,
आतंकवाद को जड़ से मिटाना।
दृढ़, विश्वास और लगन से ,
अखंड भारत के सपनों को साकार करना।
होगा आज हमे इन्हे अपनाना,
तभी सफल रहेगा जीवन तुम्हारा।
होगा आज हमे इन्हे अपनाना,
तभी सफल रहेगा जीवन तुम्हारा।
यह देश नही, स्वदेश है, अपना देश है,
स्वतंत्र रहना है इसे, यही लक्ष्य है हमारा।
यह देश नही केवल मेरा,
तुम्हारा भी यह देश है।
यहाँ कहते हो है हमारा ,
क्या फ़र्ज़ नही निभाना है।
इसलिए
जीवन में कुछ कर दिखलाना है , यही लक्ष्य हमारा है।
जीवन में कुछ कर दिखलाना है , यही लक्ष्य हमारा है।
जीवन में कुछ कर दिखलाना है , यही लक्ष्य हमारा है।

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